द गर्ल इन रूम 105–६२
यही मालूम करने में तो मुझे तुम्हारी मदद चाहिए।" "ठीक है, मैं इसमें तुम्हारी मदद करूंगा। मेरे पैरेंट्स तो चाहते हैं कि मैं इस सबसे पूरी तरह दूर हो जाऊं,
लेकिन लेट्स इ दिन।' 'नहीं, रघु, मैं तुम्हारे साथ मिलकर काम नहीं करना चाहता। मुझे केवल तुम्हारी मदद चाहिए, क्योंकि तुम
उसको और उसकी दुनिया को अच्छी तरह से जानते थे।' रघु ने हैरानी से मेरी ओर देखा। मैं चुप रहा। 'जैसी तुम्हारी मर्जी, उसने कहा।
'ओके.' मैंने कहा और अपनी नोटबुक निकाल ली। मेरे कुछ सवाल हैं।" श्योर'
"सबसे पहले, जब तुमने वॉचमैन का नाम सुना तो तुम्हें हैरानी क्यों हुई?' "क्योंकि यह सुनने में ही सही नहीं लग रहा था। हां, ये सच है कि जारा ने लक्ष्मण की शिकायत की थी। लेकिन उसके बाद से वह कई बार उससे माफी भी मांग चुका था। एक बार तो मेरे ही सामने उसने माफ़ी मांगी
थी, जब मैं कैंपस में जारा से मिलने गया था।'
"तब जारा ने क्या किया था?'
"वह इस मामले को लेकर नर्म पड़ गई थी। उसने अपनी शिकायत तो वापस नहीं ली थी, लेकिन उसने
उसका फ़ॉलो अप बंद कर दिया था। उसने जारा को बताया था कि उसकी बेटी छोटी है और घर में एक बही कमाने वाला है।' "इसके अलावा कोई और ऐसी चीज़ है जिसके चलते तुम्हें लगता हो कि उसने यह हत्या नहीं की है?'
"वे लोग, जो मुझे मारने आए थे।' "उनके बारे में क्या? 'वे लक्ष्मण की तरह किसी गांव के लोग नहीं लग रहे थे। अपने कपड़ों और बोलचाल से वे शहर के रहने
वाले "उस दिन तुम्हारे साथ एग्जेक्टली क्या हुआ था?"
लग रहे थे। मैंने पुलिस को भी यह बताया था, लेकिन शायद उन्होंने ठीक से मेरी बात सुनी नहीं।" मैंने अपनी नोटबुक से नज़र उठाई।
"मैं देर रात काम खत्म करके ऑफ़िस से बाहर निकल रहा था। जब में अपने ड्राइवर का वेट कर रहा था तो यह नहीं चाहिए था। वे बस मुझे चोट पहुंचाना चाहते थे।'
चार लोग आए और मुझे मारने लगे। पहले तो मैं समझा कि वे मेरा फ़ोन या पर्स छीनना चाहते हैं। लेकिन उन्हें
"यह सब कितनी देर तक चलता रहा?" "जब तक मेरा ड्राइवर गोपाल कार लेकर नहीं आ गया। उन्होंने कार पर भी पत्थर मारे और उसकी
खिड़की तोड़ दी। फिर वे भाग गए। गोपाल बाहर आया तो देखा कि मैं खून में लथपथ सड़क पर पड़ा हूं।' 'और वही तुमको हॉस्पिटल ले गया "पहले वह मुझे घर ले गया। मेरे पैरेंट्स मुझे अपोलो हॉस्पिटल लेकर आए। वहां मुझे डॉक्टरों ने बताया कि
मेरी बाई बांह में फ्रैक्चर है और सिर में भी चोट आई है। उन्होंने मुझे ऑब्जर्वेशन में रखने के लिए एडमिट कर लिया। ' "तुमने जारा को इसके बारे में बताया था?"
"ऑफ़ कोसी मैंने उसे कार से ही मैसेज कर दिया था। वह हैदराबाद आना चाहती थी, लेकिन उस सक्सेना ने उसे नहीं आने दिया।'
'प्रोफ़ेसर सक्सेना? उसका गाइड!"
'हा, उसने कहा कि उसे एक पेपर प्रेजेंट करना है, जिसकी डेडलाइन सिर पर है और उसे उसमें उसकी मदद
चाहिए।'
"लेकिन जारा ने इसका विरोध नहीं किया? जहां तक मैं ज़ारा को जानता हूँ, वो ऐसी बातें बर्दाश्त नहीं
करती थी।"
"हां, वह इसके बावजूद आना चाहती थी, लेकिन मैंने उसे रोक दिया। उसकी फाइनल थीसिस का अप्रूवल
तीन महीने बाद ही था। ऐसे में सक्सेना को क्यों नाराज करना?"
एक बेटर हमारे इर्द-गिर्द मंडराने लगा, इस उम्मीद में कि हम शायद चाय के अलावा भी कुछ और ऑर्डर